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The Islamic Bulletin

The Purpose Of Life in Hindi

रुकावट है जो नमकीन और ताज़ा पानी को अलग करती है|

“और वही है जिसने दो समुंदर आपस मैं मिला रखें हैं ये है

मीठा और मज़ेदार और ये है खारा कड़वा, और इन दोनो

के दरमियाँ एक परदा और मज़बूत रुकावट करदी”

[क़ुरान

सुरा २५, आयात ५३]

वो ये केसे जानते थे?

“वही अल्लाह है जिसने रात और दिन और सूरज और चाँद

को पैदा किया है. इनमे से हर एक अपने दायरे मैं तैर रहें हैं”

[क़ुरान सुरा २१, आयात ३३]

वो केसे जानते थे के सूरज चाँद और तारे सब अपने

अपने दायरे मैं तैरते हैं जेसे उन्हे ये करने के लिए किसीने

हुक्म दिया हो? वो केसे ये केसे जानते थे? और बहुत बहुत

बहुत कुछ- केसे वो ये सब जानते थे? ये सब चीज़े २५ या ३०

साल पहले खोजी गयीं हैं| टेक्नालजी और साइन्स, इनमे

ज़यदातर अब खोजी गयी हैं| मोहम्मद स जो के १५०० साल

पहले एक अनपड़ चरवाहे थे जो के रेगिस्तान मैं बढ़े हुए|

बिना पढ़े लिखे केसे वो ये सब जान सकते थे? केसे उन्होने

इस तरह क़ुरान को बनाया? और केसे कोई और उनके साथ

रहने वालों मैं से, उनसे पहले रहने वालों मैं से और उनके बाद

आने वालों मे से किसीने नही पाया, को अब खोजा जा रहा है?

ये नामुमकिन है! केसे एक शाकस जो के अरब नाम के जज़ीरे

से बाहर ना गया हो, ना कभी पानी के जहाज़ पर सफ़र किया

हो, जो के १५०० साल पहले था इस ने बताईं इतनी सॉफ और

हैरत अंगेज़ बातें जो के अब २०वीं सदी के आख़ीरवें हिस्से मैं

खोजी जा रहीं हैं?

सिर्फ़ अगर ये सब काफ़ी नही है तो मैं आपको

बताता हूँ के क़ुरान पाक की १४० सूरतें (बाब) हैं, ६००० से

ज़ादा आयात हैं और मोहम्मद स के दौर मैं भी ऐसे लोग थे

जिन्होने क़ुरान पाक को ज़ुबानी याद किया हुआ था| ये केसे

हो सकता है? क्या वो किसी किस्म के ज़हीन थे? क्या

किसीने गॉस्पेल को ज़ुबानी याद किया है? क्या आपमें से

किसीने? क्या किसीने ने तोराह या ज़ुबूर को याद किया, पुराने

अहेद्नामे या नये अहेद्नमे को ज़ुबानी याद किया? किसीने

नही किया यहाँ तक की पोप ने भी याद नही किया|

लेकिन यहाँ आज भी करोरों मुसलमान हैं जो पूरी

किताब को ज़ुबानी याद करतें हैं यही हर मुसलमान की

खुवहिश होती है, कुछ की नही बलके सब की! कितने ईसाई

आएसए हैं जो आपको आपकी ज़िंदगी मैं मिले होंगे जिन्होनें

इंजील ज़ुबानी याद की हो? कोई नही| आप कभी ऐसे ईसाई

से मिले हैं जिसने पूरी इंजील याद की हो, क्यूंके आप कभी

ऐसे ईसाई से नही मिले जो पूरी इंजील को जानता हो| ये क्यू

है? क्यूंके ईसाई मैं सात सो ज़ादा फिरके हैं और तकरीबन

३९ अलग अलग किताबें हैं इंजील की फिर और अलग अलग

किताबो पर किताबें| अलग अलग तादाद मैं बाब और अलग

अलग उनकी आयतों की तादाद और वो उनको मानते भी

नही| जब वो उनको मानते हे नही हैं तो केसे वो उसको ज़ुबानी

याद कर सकते हैं|

ये कुछ हक़ीकत है क़ुरान के बारे मैं| क़ुरान पूरी

दुनिया मैं बिना किसी मामूली से परिवर्तन के १५०० साल से

महफूज़ है और मैं अस्वीकार करने के अंदाज़ मैं नही कह

रहा| मैं एक श्कस हू जो ईसाई था| एक श्कस जिसने अपनी

खोज से ये सब चीज़ें पाईं| एक श्कस जो अब आपके साथ

ये मालूमत पहुँचा रहा है| कुछ पत्थरों को पलटकर आपको

उसके अंदर दिखाने के लिए और बाकी आप पर है!

सिर्फ़ आप इतना सोचिए के अगर ये सब सच हो तो

आप मानने लगेंगे के ये किताब सच मैं गौर ओ फ़िक्र वाली

है? और कम से कम कह सकते हैं के ये अनोखा है? क्या

आप इतना सच्चा बनना चाहते हैं की ये कह सकें? यक़ीनन

आप चाहेंगे, अगर आप सच्चे थे और आप सच्चे हों| आप

अपने आप मैं देखिए आपको उन बातों को मानना पढ़ेगा

बहुत से दूसरे गैर मुस्लिम भी इस नतीजे पर पहुँचे| जिन मे

बेंजामिन फ्रॅंक्लिन, थॉमस जेफेरसन, नापोलियन बोनपार्ट

और विन्सटन चर्चिल जेसे सिर्फ़ चन्द नाम हैं और बहुत से

हैं अगर मैं बताऊं तो बताता चला जाओं ये सब इसी नतीजे पर

पहुँचे| ये और बात है की उन्होनें खुले आम इस्लाम क़ुबूल

किया या नही| वो इस नतीजे पर पौनचे की इस दुनिया मैं कोई

दूसरा अदब नही जिसमे इतना गौर ओ फ़िक्र हो जितना की

क़ुरान मैं है ये एक ज़रिया है हिकमत का, सब्र का और सीधे

रास्ते का|

अब हमने क़ुरान की सदाक़त की बात करली, अब

हम दूसरे बात पर आते हैं क़ुरान की बुनियादी मज़ामीन|

अज़ीम खुदा की एकीशवरवाद, जो के इसके नाम मैं, इसके

सिफ़तों मैं, अज़ीम खुदा और उसकी मखलोक के दरमियाँ

ताल्लुक मैं, केसे इंसानों को इस ताल्लुक को क़ायम रखनें

मैं शामिल हैं| रासूलों और पेगंबरों का सिलसिला, इनकी

ज़िंदगियाँ, इनके पैगामात और इनका तमाम काम जो इन्होने

किया| इनका इसरार के ये पेरवी करें मोहम्मद स की जो

के रासूलों और पेगंबरों मैं आखरी और कयनात के लिए एक

मिसाल हैं| लोगों के याद दिलाएँ के उनकी ज़िंदगी बहुत छोटी

है और उनको बुलाया जायगा वहाँ हमेशा की ज़िंदगी के लिए|

इस बात का मतलब इसके बाद की ज़िंदगी| इसके बाद आप

ये जगह छोड़ जाओगे और कहीं और चले जाओगे| इसका

मतलब आज रात नही मगर मरने के बाद आप इस ज़मीन

को छोड़ कर कहीं और चले जाओगे बेशक आप मानो या ना