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The Islamic Bulletin
The Purpose Of Life in Hindi
आपकी है|
तो अपने आप से पूछिए ‘के आप गवाही देंगे के खुदा
सिर्फ़ एक है?’ जब आप खुद से ये सवाल पूछेंगे तो आपको
जवाब मिलना चाहये ‘हाँ, मैं गवाही देता हूँ’|फिर आप खुद
से पूछें अगला सवाल के मैं गवाही देता हूँ के मोहम्मद स
अज़ीम खुदा के पेगंबर हैं? “हाँ, मैं गवाही देता हूँ”| अगर आप
ये गवाही देते हैं तो आप मुसलमान हैं और आप को खुद को
तब्दील नही करना पढ़ेगा| सिर्फ़ अपने आप की इस्लाह
करनी होगी अपनी सोच मैं और अपने अमल मे|
आख़िर मे, मैं आपसे सवाल करता हूँ के: क्या आप
समझे जो मैने आपसे कहा? अगर आप इसको मानते हैं जो
मैने कहा और इस्लाम मैं दाखिल होने और मुसलमान होने के
लिए तय्यार हैं| तो मुसलमान होने के लिए आपको लाज़मी है
के कलमा शहादत का एलान करें; जो के एलान है के मैं ईमान
लाया खुदा के एक होने पर और क़ुबूल किया के मोहम्मद स
खुदा के रसूल हैं|
http://www.islamicbulletin.org/purpose/shahada/sh_hindi.mp4لا إله إلا الله محمد رسول الله
ला इलाहा इल्लल लाहू मोहम्मदुर रसूल अल्लाह
नही कोई माबूद सिवाए अल्लाह के और मोहम्मद स
अल्लाह के रसूल हैं|
सही उच्चारण के लिए वीडियो देखें!!
मैं गवाही देता हूँ के खुदा सिर्फ़ एक है|
मैं गवाही देता हूँ के मोहम्मद स अल्लाह के पेगंबर हैं|
वीडियो देखें:
http://www.islamicbulletin.org/purpose/shahada/sh_hindi.mp4अल्लाह हम सब पर रहम करे और हमे सीधा रास्ता
दिखाए| मैं तमाम गैर मुसलमानो को - जो इस इशात को पढ़
रहें हों कहता हूँ के खुद से सच्चे हों जो आपने पढ़ा है इसके
बारे मैं सोचें| इस जानकारी को अपने पास रखें और खुद मैं
जज़्ब कर लें| किसी मुसलमान के साथ बैठें और इस्लाम की
खूबसूरती के बारे मैं उस से और तफ़सील मालूम करें| अगला
कदम बढ़ाएँ!
जब आप इस्लाम क़ुबूल करने के लिए और
मुसलमान होने के लिए तय्यार हो जाएँ, तो औपचारिक रूप
से मुसलमान होने से पहले खुद को धो लें| इस्लाम क़ुबूल
करें| इस्लाम के बारे मैं जानें इस पर अमल करें और खुदा
की दी गयीं नेमतों (इनाम) का आनंद लें क्यूंकी ईमान सब
कुछ नही है के जिस से आप बकषे जाएँ| अगर आप इस पर
अमल नही करेंगे तो आप इसकी खुश्बू खो देंगे| ए अल्लाह
हमारी रहनूमाई फरमा| ए अल्लाह हमारी मदद फरमा और
मैं सरहाता हूँ आपको इस अेज़ाज़ का जो मुझे बक्शा गया
और मुझे बोलने का मौका फराहिम किया गया इस इशात के
ज़रिए|
ُ
السَلاَمُ عَلَيْكُمْ وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُه
अस्सलामो अलैकुम वा रहमतुल्लाह वा बरकाताहु
[तर्जुमा: आप सब पर अल्लाह की सलामती हो, रेह्मते हों
और बरकतें हो|”]
अगर आप मुसलमान होना चाहतें हैं या आपको इस्लाम के बारे मैं
मज़ीद जानकारी चाहये तो, बराए मेहेरबानी हमें ई-मेल करें: info@
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